आज हम बात करेंगे कि पुलिस अधिकारी किसी व्यक्ति को बिना वारंट कब गिरफ्तार कर सकता है । उससे पहले हमें यह जान लेना आवश्यक है कि गिरफ्तारी क्या होती है । किसी व्यक्ति को उसकी प्राण एंव दैहिक स्वाधीनता से वंचित करने की प्रक्रिया को गिरफ्तारी कहते है  ।

           जिसके सम्बंध में मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा के अनुच्छेद 9 में उपबंध किया गया है।

पुलिस अधिकारी वारंट के बिना कब गिरफ्तार कर सकता है
पुलिस अधिकारी वारंट के बिना कब गिरफ्तार कर सकता है

क्या पुलिस बिना वारंट गिरफ्तारी कर सकती है

   इस सम्बन्ध में भारतीय दंड संहिता 1973 की धारा 41 और धारा 42 में व्यवस्था की गई है। एक पुलिस अधिकारी बिना वारंट और मजिस्ट्रेट के आदेश के किसी ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकता है -

क-  जिसने पुलिस अधिकारी की उपस्थिति में संज्ञ॓य अपराध किया है अथवा


ख- जिसके विरुद्ध संज्ञेय अपराध के लिए युक्तियुक्त परिवाद किया गया है या विश्वसनीय जानकारी प्राप्त हुई है
                             जिसके अंतर्गत पुलिस अपराध को रोकने के लिए, समुचित जांच के लिए या सबूत के साथ छेड़छाड़ रोकने के लिए किसी व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकती है । किंतु पुलिस को ऐसी गिरफ्तारी के कारणों को लेखांकित करना होगा अथवा


ग- ऐसा व्यक्ति जिसके पास चोरी की संपत्ति पाई जाती है अथवा


घ- ऐसा व्यक्ति जो पुलिस अधिकारी के कर्तव्य में विध्न डालता है या जो पुलिस अभिरक्षा से भाग जाता है अथवा


ङ- जिस पर उचित संदेह हो कि वह सशस्त्र बलों में से किसी का अभित्याजक है अथवा


च- ऐसा व्यक्ति जिसने भारत के बाहर कोई ऐसा कार्य किया है जो भारत में दंडनीय अपराध है अथवा


छ- जो धारा 356 की उपधारा (5) के नियम को भंग करता है     अथवा


ज- जिसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस अधिकारी अन्य पुलिस             अधिकारी को लिखित या मौखिक रूप से सूचित करता है।

जानें : पुलिस अधिकारी अपराध कि जांच कैसे करते है

         सहिंता की धारा 42 के अनुसार

            पुलिस अधिकारी के समक्ष असज्ञॆय अपराध करने वाले को भी बिना वारंट के गिरफ्तार किया जा सकता है यदि वह अपना नाम व निवास स्थान पुलिस अधिकारी को न बताए या मिथ्या बताए।