आज इस लेख में हम बात करेंगे साइबर क्राइम कि । देश में साइबर क्राइम के मामलों में दिन प्रतिदिन वृद्धि होती जा रही है, जिससे इसके बारे मे बात करना आवश्यक है । इस लेख में हम जानेंगे कि साईबर क्राइम क्या है, साइबर क्राइम के प्रकार, साइबर क्राइम से कैसे बचें, देश के कानून व्यवस्था में साइबर क्राइम कि स्थिति । आज का युग तकनीकी युग है और हम निरंतर इस दिशा में विकास  कर रहे हैं। आज हम डिजिटल इंडिया की बात करते हैं जिसके परिणाम स्वरूप हमारी दिनचर्या के प्रत्येक कार्य में मोबाइल ,लैपटॉप ,कंप्यूटर महत्व पूर्ण भूमिका निभाते हैं। यह वह उपकरण है जिनके माध्यम से एक व्यक्ति , संस्था आदि बहुत ही आसानी से दूसरे व्यक्ति या संस्था से जुड़ सकते हैं। जिसके लिए इंटरनेट का उपयोग किया जाता है। आज इंटरनेट से हर कार्य बहुत आसान हो गया है चाहे वह एक देश से दूसरे देश में क्यों ना हो। आज हम प्रत्येक कार्य इंटरनेट के माध्यम से करते हैं जैसे बिल जमा करना , डाटा का आदान-प्रदान , बैंक का काम आदि।
                          ऐसी दशा में इंटरनेट से संबंधित अपराधों में भी वृद्धि हुई है जिसे साइबर अपराध कहते है ।


साइबर क्राइम क्या है ? साइबर क्राइम के प्रकार और साइबर क्राइम के लिए कानून
साइबर क्राइम क्या है ? साइबर क्राइम के प्रकार और साइबर क्राइम के लिए कानून

      साइबर क्राइम के प्रकार-

      साइबर क्राइम के अनेक प्रकार होते हैं परंतु कुछ महत्वपूर्ण निम्न प्रकार है-

(1) -     Hacking - सरल शब्दों में हैकिंग का अर्थ है किसी कंप्यूटर , मोबाइल या अन्य किसी डिवाइस से अवैध रूप से डाटा / सूचनाएं प्राप्त करना और उनके साथ छेड़छाड़ करना। हैकिंग के माध्यम से अनेक अपराध होते हैं । किसी व्यक्ति की व्यक्तिगत जानकारी को बिना उसकी अनुमति के प्राप्त करना या छेड़छाड़ करना हैकिंग ही है।

(2)-     Identity theft- इसमें अपराधी किसी व्यक्ति की समस्त जानकारी जैसे उसका बैंक अकाउंट नंबर , क्रेडिट कार्ड इंफॉर्मेशन , डेबिट कार्ड , बिजनेस ट्रांजैक्शन , पिन नंबर आदि को अवैध तरीके से प्राप्त कर लॆता है और फिर उनके नाम से ऑनलाइन खरीदारी या पैसे का लेनदेन करता है जिससे पीड़ित को संपत्ति की हानि होती है।

(3)-    Piracy- इसके के अंतर्गत ऐसी क्राइम आते हैं जिनमें  किसी सॉफ्टवेयर ,वीडियो , ऑडियो आदि को अमान्य रीति से copy /use किया जाता है जिससे ओरिजिनल क्रिएटर को हानि उठानी पड़ती है।

(4)-    Cyber stalking- यह ऐसा अपराध है जो सामान्यतया लड़कियों और बच्चों के साथ ज्यादा होता है इसमें क्रिमिनल पहले तो फेसबुक , इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया पर पीड़ित के साथ नजदीकियां बढ़ाते हैं और इस तरह उनकी पर्सनल डिटेल जानकर उनका पीछा करते हैं । और बहुत तरीके से उन्हें मानसिक यातनाएं देते हैं जैसे लड़कियों के नंबर पोर्न साइट पर ऐड करना उनके प्राइवेट फोटो leak करना आदि।  इसके बाद अपराधी पीड़ित को ब्लैकमेल करते हैं और इस तरह उन्हें संपत्ति की हानि और मानहानि दोनों पहुंचाते हैं।

(5)-    Virus- वायरस एक प्रकार का सॉफ्टवेयर या प्रोग्राम होता है जो कि किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा ही तैयार किया जाता है । यह बिना अनुमति के ही आपके कंप्यूटर डिवाइस में इंस्टॉल / डाउनलोड हो जाते हैं  जिनका मकसद आपकी पर्सनल डिटेल / डाटा को चुराना होता है । जब एक वायरस आपकी कंप्यूटर या डिवाइस में आ जाता है तो वह ठीक से कार्य नहीं कर पाता।   Virus की full form " vital information and resources under sieze" होती है।

        इसके अलावा फिशिंग , चाइल्ड पोर्नोग्राफी , बुलिंग , मेलवेयर अनेक प्रकार होते हैं साइबर क्राइम के । सामान्यतया साइबर क्राइम से व्यक्ति को संपत्ति की हानि और मानहानि का सामना करना पड़ता है।


  साइबर क्राइम से कैसे बचें-

1 -  प्रत्यॆक वेबसाइट या लिंक पर क्लिक ना करें क्योंकि कुछ वेबसाइट आपकी निजी जानकारी सेव कर लेती हैं।

2-  जब किसी URL address को ओपन करें तो ध्यान रखें कि उसकी शुरुआत https से हो।

3-  प्रत्येक कंप्यूटर या अन्य किसी डिवाइस पर सोशल अकाउंट ओपन ना करें और अगर आप ऐसा करते हैं तो ब्राउज़र की history को डिलीट करना ना भूले।

4-  जब भी आप किसी डिवाइस पर अपना पासवर्ड टाइप करें तो वहां पर "अपना पासवर्ड सुरक्षित रखें" ऑप्शन आएगा उसे अनचेक कर दे।

5-  समय - समय पर अपना पासवर्ड बदलते रहे।

6- अपने मोबाइल में बैंक डिटेल से जुड़े एप पर लॉक लगाकर रखें जिससे बच्चे भी उससे छेड़छाड़ ना कर सके।

7-  authorised app या website से ही शॉपिंग करें।


जानें : IPC ओर crpc में अंतर


      Cyber crime की report कहां करें-

           अगर आपके साथ ऐसा कोई अपराध होता है तो आप इसकी शिकायत साइबर सेल या किसी भी पुलिस थाने में कर सकते हैं ।आप इसकी शिकायत संबंधित राज्य की पुलिस वेबसाइट पर भी कर सकते हैं ।आपको चाहिए कि जब आप शिकायत करें तो उससे संबंधित समस्त साक्ष्य  की भी जानकारी दें संबंधित लिंक , वेबसाइट , पर्सन आदि के बारे में बताएं । आपने किन व्यक्तियों के साथ अपनी  निजी जानकारी जैसे पासवर्ड आदि साझा किए हैं बताएं । वर्तमान में हर जिले में एक साइबर सेल का गठन भी किया जा चुका है।

    साइबर क्राइम के लिए कानून में व्यवस्था-

       विभिन्न प्रकार के साइबर क्राइम के लिए सूचना तकनीकी कानून 2008 और भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में व्यवस्था की गई है जिनमें अपराध सिद्ध होने पर जुर्माने या कारावास या दोनों से दंडित किया जा सकता है।


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